डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए जोर-शोर से तैयारियां कर रही है। कई राज्यों में इसे लेकर समितियां भी बनाई गईं हैं। लेकिन, यह तभी संभव होगा जब सरकारी स्कूल बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएंगे। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि देशभर के सरकारी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक उपलब्ध हों।
देशभर में शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 10 लाख 60 हजार 139 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। पूरे देश में शिक्षकों का सबसे ज्यादा टोटा तो बिहार और यूपी में हैं। इनके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने संसद के पटल पर एक प्रश्न के जवाब में दी।
कहां कितने पद खाली
- बिहार में 02 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं।
- उत्तर प्रदेश में भी 02 लाख 17 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।
- झारखंड में 95 हजार 897 पद खाली हैं
- मध्य प्रदेश में 91 हजार 972 पदों पर रिक्तियां हैं।
- पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालयों में 91 हजार 972 शिक्षकों की कमी है।
- छत्तीसगढ़ में 51 हजार 830 खाली हैं।
- राजस्थान में 47 हजार 666 शिक्षकों की कमी है।
- आंध्र प्रदेश में 34 हजार 888 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।
- मिजोरम एक ऐसा राज्य है, जहां सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से एक भी पद खाली नहीं है।
- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 188 पद खाली हैं।
- वहीं लक्षदीप में भी 83 पदों पर रिक्तियां हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी
बिहार में राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 94 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 30 हजार 200 पदों पर और एसटीईटी के माध्यम से 33 हजार 916 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इन पदों के लिए परीक्षा भी आयोजित की जा चुकी है।
.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
from दैनिक भास्कर हिंदी https://ift.tt/3c6tJCH
https://ift.tt/2Ob5omH
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए जोर-शोर से तैयारियां कर रही है। कई राज्यों में इसे लेकर समितियां भी बनाई गईं हैं। लेकिन, यह तभी संभव होगा जब सरकारी स्कूल बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएंगे। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि देशभर के सरकारी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक उपलब्ध हों।
देशभर में शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 10 लाख 60 हजार 139 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। पूरे देश में शिक्षकों का सबसे ज्यादा टोटा तो बिहार और यूपी में हैं। इनके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने संसद के पटल पर एक प्रश्न के जवाब में दी।
कहां कितने पद खाली
- बिहार में 02 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं।
- उत्तर प्रदेश में भी 02 लाख 17 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।
- झारखंड में 95 हजार 897 पद खाली हैं
- मध्य प्रदेश में 91 हजार 972 पदों पर रिक्तियां हैं।
- पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालयों में 91 हजार 972 शिक्षकों की कमी है।
- छत्तीसगढ़ में 51 हजार 830 खाली हैं।
- राजस्थान में 47 हजार 666 शिक्षकों की कमी है।
- आंध्र प्रदेश में 34 हजार 888 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।
- मिजोरम एक ऐसा राज्य है, जहां सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से एक भी पद खाली नहीं है।
- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 188 पद खाली हैं।
- वहीं लक्षदीप में भी 83 पदों पर रिक्तियां हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी
बिहार में राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 94 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 30 हजार 200 पदों पर और एसटीईटी के माध्यम से 33 हजार 916 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इन पदों के लिए परीक्षा भी आयोजित की जा चुकी है।
.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
0 Comments :
Post a Comment
Please do not post the SPAM comment.