डिजिटल डेस्क (भोपाल)। 8 मार्च 1984 को न्यूजीलैंड में जन्मे धमाकेदार बल्लेबाज रॉस टेलर का आज 37वां बर्थ-डे है। शीर्ष क्रम के आक्रामक इस बल्लेबाज का पूरा नाम है Luteru Ross Poutoa Lote Taylor (लुटेरू रॉस पोउटोआ लोटे टेलर)। रॉस टेलर को वन-डे क्रिकेट का स्पेशलिस्ट माना जाता है। रॉस टेलर ने 2006 में वेस्डइंडीज के खिलाफ वन-डे डेब्यू किया था। लेकिन पहले मैच में वह महज 15 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए थे। इसके बाद अपने तीसरे वनडे में टेलर ने नेपियर में श्रीलंका के खिलाफ शानदार 128 रन बनाए।
2008 में उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक इंग्लैंड के खिलाफ हैमिल्टन में बनाया और इसके बाद ओल्ड ट्रैफोर्ड में नाबाद 154 रनों की पारी खेली। टेलर की दृढ़ता ने चयनकर्ताओं को आकर्षित किया और 2010 में उन्हें न्यूजीलैंड की कप्तानी सौंप दी। उस समय जब डैनियल विटोरी ने कप्तानी छोड़ दी थी। 1998 के बाद पहली बार टेलर की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को कोलंबो में और ऑस्ट्रेलिया को हराया। लेकिन टेलर बहुत खुशी के साथ अपने कार्यकाल को याद नहीं करेंगे। कोलंबो की जीत के बाद, उन्होंने विवादास्पद परिस्थितियों में कप्तानी से छोड़ दी और सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने से भी मना कर दिया।
इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक भी लिया, लेकिन 2013 में नए जोश के साथ लौटे। उन्होंने मई और दिसंबर 2013 के बीच 754 रन बनाए, जिसमें उनका पहला दोहरा शतक भी शामिल था, जिसके तुरंत बाद दो और शतक बने। 2015 में WACA में उनका उच्चतम टेस्ट स्कोर, 290 भी ऑस्ट्रेलिया में किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ था। आंखों में खराबी के बाद उनका क्रिकेट कैरियर चोपट हो गया, लेकिन दिसंबर 2016 में सर्जरी के बाद, उन्होंने मार्टिन क्रो और केन विलियमसन द्वारा रखे गए सबसे अधिक शतकों के न्यूजीलैंड के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
रॉस टेलर ने न्यूजीलैंड के लिए 105 टेस्ट मैच और 232 वन-डे मैच खेले हैं। टेस्ट में उनके नाम 12, 339 रन हैं, जबकि वन-डे में 10273।
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डिजिटल डेस्क (भोपाल)। 8 मार्च 1984 को न्यूजीलैंड में जन्मे धमाकेदार बल्लेबाज रॉस टेलर का आज 37वां बर्थ-डे है। शीर्ष क्रम के आक्रामक इस बल्लेबाज का पूरा नाम है Luteru Ross Poutoa Lote Taylor (लुटेरू रॉस पोउटोआ लोटे टेलर)। रॉस टेलर को वन-डे क्रिकेट का स्पेशलिस्ट माना जाता है। रॉस टेलर ने 2006 में वेस्डइंडीज के खिलाफ वन-डे डेब्यू किया था। लेकिन पहले मैच में वह महज 15 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए थे। इसके बाद अपने तीसरे वनडे में टेलर ने नेपियर में श्रीलंका के खिलाफ शानदार 128 रन बनाए।
2008 में उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक इंग्लैंड के खिलाफ हैमिल्टन में बनाया और इसके बाद ओल्ड ट्रैफोर्ड में नाबाद 154 रनों की पारी खेली। टेलर की दृढ़ता ने चयनकर्ताओं को आकर्षित किया और 2010 में उन्हें न्यूजीलैंड की कप्तानी सौंप दी। उस समय जब डैनियल विटोरी ने कप्तानी छोड़ दी थी। 1998 के बाद पहली बार टेलर की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को कोलंबो में और ऑस्ट्रेलिया को हराया। लेकिन टेलर बहुत खुशी के साथ अपने कार्यकाल को याद नहीं करेंगे। कोलंबो की जीत के बाद, उन्होंने विवादास्पद परिस्थितियों में कप्तानी से छोड़ दी और सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने से भी मना कर दिया।
इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक भी लिया, लेकिन 2013 में नए जोश के साथ लौटे। उन्होंने मई और दिसंबर 2013 के बीच 754 रन बनाए, जिसमें उनका पहला दोहरा शतक भी शामिल था, जिसके तुरंत बाद दो और शतक बने। 2015 में WACA में उनका उच्चतम टेस्ट स्कोर, 290 भी ऑस्ट्रेलिया में किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ था। आंखों में खराबी के बाद उनका क्रिकेट कैरियर चोपट हो गया, लेकिन दिसंबर 2016 में सर्जरी के बाद, उन्होंने मार्टिन क्रो और केन विलियमसन द्वारा रखे गए सबसे अधिक शतकों के न्यूजीलैंड के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
रॉस टेलर ने न्यूजीलैंड के लिए 105 टेस्ट मैच और 232 वन-डे मैच खेले हैं। टेस्ट में उनके नाम 12, 339 रन हैं, जबकि वन-डे में 10273।
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