डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली को वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी बताया गया है। यह दावा मंगलवार को जारी ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020’ में कही गई है। इस रिपोर्ट के स्विस संगठन ‘आईक्यू एयर’ ने तैयार किया है। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 33 शहरों में से 22 शहर भारत में हैं।
चीन का शिनजियांग दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, दूसरे नंबर पर गाजियाबाद
आईक्यू एयर की रिपोर्ट के अनुसार, चीन का शिनजियांग शहर दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। इसके बाद शीर्ष 10 शहरों में से नौ शहर भारत के हैं। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है। उसके बाद बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ और भिवाड़ी का नंबर आता है। इन शहरों में प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 के आधार पर मापा गया है।
टॉप 50 प्रदूषित शहरों में भारत के 21 शहर शामिल
वहीं रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में बांग्लादेश, चीन, भारत और पाकिस्तान से 49 शहर हैं। इनमें भारत के दिल्ली के अलावा 21 अन्य शहर हैं... उत्तर प्रदेश के, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर, राजस्थान में भिवाड़ी, हरियाणा में फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, बंधवाड़ी, गुरुग्राम, यमुनानगर, रोहतक और धारुहेड़ा और बिहार में मुजफ्फरपुर।
बांग्लादेश सबसे प्रदूषित देश
देशों की रैंकिंग में बांग्लादेश की स्थिति सबसे खराब बताई गई है। इसके बाद पाकिस्तान और भारत की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब बताई गई है। वर्ल्ड कैपिटल सिटी रैंकिंग में दिल्ली सबसे ऊपर है और उसके बाद ढाका और उलानबटार का नंबर आता है।
2019 के मुकाबले 2020 में सुधरी दिल्ली की हवा
हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। लेकिन इस सुधार के बावजूद दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत के शहरों में पीएम 2.5 प्रदूषकों का सबसे बड़ा स्रोत परिवहन क्षेत्र है।’
भारत में वायु प्रदूषण अभी भी खतरनाक स्तर पर
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 और 2020 के दौरान व्यापक वायु गुणवत्ता में सुधार के बावजूद, भारत में वायु प्रदूषण अभी भी खतरनाक रूप से अधिक है। भारत के वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में परिवहन, खाना पकाने के लिए बायोमास जलाना, बिजली उत्पादन, उद्योग, निर्माण, अपशिष्ट जलाना और समय समय पर पराली जलाना आदि शामिल है। यह अनुमान लगाया गया है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण का 20 से 40 प्रतिशत हिस्सा सीजन में पंजाब के खेतों में पराली जलाने की वजह से होता है।
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