डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए बेहद खास है। आज से ठीक 10 साल पहले यानि 2 अप्रैल 2011 को भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराते हुए वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। भारत को विश्व विजेता बनाने में ओपनर गौतम गंभीर और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की अहम भूमिका रही थी। गंभीर ने 97 और धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
टॉस को लेकर गफलत
2 अप्रैल को हुए भारत-श्रीलंका वर्ल्ड कप फाइनल की कुछ ऐसी रोचक बातें भी हैं जो फैंस को हमेशा याद रहेंगी। मैच से पहले हुई टॉस के दौरान गफलत को भले कोई कैसे भूल सकता है क्योंकि फाइनल से पहले दो बार टॉस हुआ था। ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार टीम इंडिया के कप्तान को ऐसा लगा था कि उन्होंने टॉस जीता है लेकिन संशय होने के कारण जब दोबारा टॉस हुआ तो श्रीलंका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया।
काम नहीं आ सकता था जयवर्धन के शतक
2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए फाइनल में 50 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाए थे। श्रीलंका के लिए इस मुकाबले में महेला जयावर्धने ने 88 गेंदो में नाबाद 103 रनों की यादगार पारी खेली थी। वहीं भारत की तरफ से एमएस धोनी ने नाबाद 91 रनों की अहम पारी खेली थी। इस दौरान उन्होंने आठ चौके और दो छक्के जड़े थे। इसके साथ ही धोनी ने गौतम गंभीर (97) के साथ 109 रनों महत्वपूर्ण साझेदारी भी की थी। भारत ने इस मुकाबले को 6 विकेट रहते जीत लिया था।
आज भी याद है धोनी का वो हेलिकॉप्टर शॉट
वर्ल्ड कप-2011 के फाइनल में लगाया गया धोनी का वो विजयी छक्का आज भी हर भारतीय क्रिकेट फैन को याद है जिसने भारत को विश्व विजेता बनाया था। नुवान कुलशेखरा की गेंद पर धोनी ने ऐसा हेलिकॉप्टर शॉट खेला था कि भारत विश्व चैंपियन बन गया था। धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने छक्का लगाकर अपनी टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। धोनी के बल्ले से निकले उस शानदार छक्के ने भारत के 28 साल के विश्वकप इंतजार को खत्म कर दिया था। धोनी के बल्ले से लगकर जैसे ही गेंद पवेलियन में फैंस के बीच गिरी थी मानो पूरा हिंदुस्तान खुशियों से झूम उठा था और भारत वर्ल्ड चैंपियन बन गया था।
सचिन तेंदुलकर के विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा किया
एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर के विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा किया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद टीम इंडिया ने क्रिकेट के भगवान को कंधो पर बैठाकर स्टेडियम का चक्कर लगाया था। ये दूसरी बार था जब भारत ने विश्वकप की ट्रॉफी जीती थी, इससे पहले 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में भारत पहली बार वर्ल्ड विजेता बना था।
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए बेहद खास है। आज से ठीक 10 साल पहले यानि 2 अप्रैल 2011 को भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराते हुए वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। भारत को विश्व विजेता बनाने में ओपनर गौतम गंभीर और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की अहम भूमिका रही थी। गंभीर ने 97 और धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
टॉस को लेकर गफलत
2 अप्रैल को हुए भारत-श्रीलंका वर्ल्ड कप फाइनल की कुछ ऐसी रोचक बातें भी हैं जो फैंस को हमेशा याद रहेंगी। मैच से पहले हुई टॉस के दौरान गफलत को भले कोई कैसे भूल सकता है क्योंकि फाइनल से पहले दो बार टॉस हुआ था। ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार टीम इंडिया के कप्तान को ऐसा लगा था कि उन्होंने टॉस जीता है लेकिन संशय होने के कारण जब दोबारा टॉस हुआ तो श्रीलंका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया।
काम नहीं आ सकता था जयवर्धन के शतक
2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए फाइनल में 50 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाए थे। श्रीलंका के लिए इस मुकाबले में महेला जयावर्धने ने 88 गेंदो में नाबाद 103 रनों की यादगार पारी खेली थी। वहीं भारत की तरफ से एमएस धोनी ने नाबाद 91 रनों की अहम पारी खेली थी। इस दौरान उन्होंने आठ चौके और दो छक्के जड़े थे। इसके साथ ही धोनी ने गौतम गंभीर (97) के साथ 109 रनों महत्वपूर्ण साझेदारी भी की थी। भारत ने इस मुकाबले को 6 विकेट रहते जीत लिया था।
आज भी याद है धोनी का वो हेलिकॉप्टर शॉट
वर्ल्ड कप-2011 के फाइनल में लगाया गया धोनी का वो विजयी छक्का आज भी हर भारतीय क्रिकेट फैन को याद है जिसने भारत को विश्व विजेता बनाया था। नुवान कुलशेखरा की गेंद पर धोनी ने ऐसा हेलिकॉप्टर शॉट खेला था कि भारत विश्व चैंपियन बन गया था। धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने छक्का लगाकर अपनी टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। धोनी के बल्ले से निकले उस शानदार छक्के ने भारत के 28 साल के विश्वकप इंतजार को खत्म कर दिया था। धोनी के बल्ले से लगकर जैसे ही गेंद पवेलियन में फैंस के बीच गिरी थी मानो पूरा हिंदुस्तान खुशियों से झूम उठा था और भारत वर्ल्ड चैंपियन बन गया था।
सचिन तेंदुलकर के विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा किया
एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर के विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा किया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद टीम इंडिया ने क्रिकेट के भगवान को कंधो पर बैठाकर स्टेडियम का चक्कर लगाया था। ये दूसरी बार था जब भारत ने विश्वकप की ट्रॉफी जीती थी, इससे पहले 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में भारत पहली बार वर्ल्ड विजेता बना था।
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