डिजिटल डेस्क, मेरठ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को उत्तरप्रदेश के मेरठ में किसान महापंचायत में पहुंचे। यहां उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार के लाए गए तीनों कृषि कानून किसानों के लिए ‘डेथ वॉरंट’ के समान हैं।
केजरीवाल के संबोधन की खास बात
- किसानों दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए 3 महीने से ज्यादा का वक्त हुआ।
- 95 दिन से कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर किसान अपने परिवार और बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं।
- इस धरने में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन, सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
- पिछले 70 साल से देश में हर पार्टी ने किसानों के साथ धोखा ही किया है।
- किसान पिछले 70 साल से केवल अपनी फसल का सही दाम मांग रहे हैं।
- अगर किसान को सही दाम मिलाता तो उन्हें कर्ज नहीं लेना पड़ता।
- बीते 25 साल में 3.5 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
- अब किसानों के लिए जिंदगी और मौत की लड़ाई की बात आ गई है। ये तीनों कानून किसानों के लिए डेथ वॉरंट हैं।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर ये आरोप लगाए
- केंद्र सरकार अब किसानों की बची-खुची खेती भी कुछ पूंजीपतियों के हाथों में देना चाहती है।
- 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू करने की बात की थी।
- सरकार बनने के तीन साल बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया और उसमें कहा कि हम एमएसपी नहीं दे सकते हैं।
- जिस तरह से किसानों पर पानी की बौछारें की गईं और उन्हें रोकने के लिए सड़कों पर कीलें लगाई गईं, ऐसा जुल्म अंग्रेजों के वक्त में भी नहीं किया गया था।
- 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए बीजेपी जिम्मेदार। इस घटना में बीजेपी के लोग शामिल थे।
- बीजेपी सरकार किसानों पर झूठे मुकदमे कर रही है।
- लाल किले का पूरा कांड इन्होंने खुद कराया है, जिन्होंने झंडे फहराए, वे इनके कार्यकर्ता थे।
- बीजेपी की सरकार किसानों पर देशद्रोह के मुकदमे चला रही है। इतनी हिम्मत तो अंग्रेजों की भी नहीं हुई थी।
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डिजिटल डेस्क, मेरठ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को उत्तरप्रदेश के मेरठ में किसान महापंचायत में पहुंचे। यहां उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार के लाए गए तीनों कृषि कानून किसानों के लिए ‘डेथ वॉरंट’ के समान हैं।
केजरीवाल के संबोधन की खास बात
- किसानों दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए 3 महीने से ज्यादा का वक्त हुआ।
- 95 दिन से कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर किसान अपने परिवार और बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं।
- इस धरने में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन, सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
- पिछले 70 साल से देश में हर पार्टी ने किसानों के साथ धोखा ही किया है।
- किसान पिछले 70 साल से केवल अपनी फसल का सही दाम मांग रहे हैं।
- अगर किसान को सही दाम मिलाता तो उन्हें कर्ज नहीं लेना पड़ता।
- बीते 25 साल में 3.5 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
- अब किसानों के लिए जिंदगी और मौत की लड़ाई की बात आ गई है। ये तीनों कानून किसानों के लिए डेथ वॉरंट हैं।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर ये आरोप लगाए
- केंद्र सरकार अब किसानों की बची-खुची खेती भी कुछ पूंजीपतियों के हाथों में देना चाहती है।
- 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू करने की बात की थी।
- सरकार बनने के तीन साल बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया और उसमें कहा कि हम एमएसपी नहीं दे सकते हैं।
- जिस तरह से किसानों पर पानी की बौछारें की गईं और उन्हें रोकने के लिए सड़कों पर कीलें लगाई गईं, ऐसा जुल्म अंग्रेजों के वक्त में भी नहीं किया गया था।
- 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए बीजेपी जिम्मेदार। इस घटना में बीजेपी के लोग शामिल थे।
- बीजेपी सरकार किसानों पर झूठे मुकदमे कर रही है।
- लाल किले का पूरा कांड इन्होंने खुद कराया है, जिन्होंने झंडे फहराए, वे इनके कार्यकर्ता थे।
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