डिजिटल डेस्क (भोपाल)। आज ही के दिन (11 मार्च 1915) भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक विजय हजारे का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। महाराष्ट्र के सांगली में एक टीचर के घर में जन्मे विजय हजारे ने घरेलू क्रिकेट में कई कीर्तिमान बनाए। दूसरे विश्व युद्ध के कारण, विजय हजारे ने 1946 में लॉर्ड्स में 31 साल की उम्र तक अपना पहला टेस्ट नहीं खेला था। एक मुश्किल शुरुआत के बाद उन्होंने 1947-48 में एडिलेड में चौथे टेस्ट में दो शतक लगाए और एक साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ लगातार तीन शतक जड़े, लेकिन भारतीय टीम का प्रदर्शन दिसंबर 1951 तक बहुत ही खराब रहा।
इस दौरान भी विजय हजारे एकमात्र ऐसे बल्लेबाज रहे, जिनका ऐसी परिस्थितियों में भी 47 का औसत था। हजारे ने भारत के लिए 30 टेस मैच खेले, लेकिन टीम को जीत सिर्फ 3 टेस्ट में मिली। वह सभी तरह के शॉट्स मारने में एक्सपर्ट्स थे और यहीं वजह है कि उनका प्रथम श्रेणी का औसत 58 था। 1943-44 में द रेस्ट फॉर हिंदूज के खिलाफ खेली गई उनकी पारी हैरान करने वाली थी। इस मैच में उनकी पूरी टीम 387 के स्कोर पर आलआउट हो गई थी और इसमें से 309 रन अकेले हजारे ने बनाए थे। इसके अलावा इस मैच में उन्होंने पांच विकेट भी लिए थे।
विजय हजारे का पूरा नाम विजय सैमुअल हजारे है। उन्होंने 1946 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। 89 साल की उम्र में उनका 2004 में निधन हो गया था। अब इनके नाम से विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजन भी किया जाता है।
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इस दौरान भी विजय हजारे एकमात्र ऐसे बल्लेबाज रहे, जिनका ऐसी परिस्थितियों में भी 47 का औसत था। हजारे ने भारत के लिए 30 टेस मैच खेले, लेकिन टीम को जीत सिर्फ 3 टेस्ट में मिली। वह सभी तरह के शॉट्स मारने में एक्सपर्ट्स थे और यहीं वजह है कि उनका प्रथम श्रेणी का औसत 58 था। 1943-44 में द रेस्ट फॉर हिंदूज के खिलाफ खेली गई उनकी पारी हैरान करने वाली थी। इस मैच में उनकी पूरी टीम 387 के स्कोर पर आलआउट हो गई थी और इसमें से 309 रन अकेले हजारे ने बनाए थे। इसके अलावा इस मैच में उन्होंने पांच विकेट भी लिए थे।
विजय हजारे का पूरा नाम विजय सैमुअल हजारे है। उन्होंने 1946 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। 89 साल की उम्र में उनका 2004 में निधन हो गया था। अब इनके नाम से विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजन भी किया जाता है।
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